more" /> more" /> more" />
Deendayal Research Institute
DEENDAYAL
RESEARCH
INSTITUTE
  • Home
    • Home
    • Inspirations
      • Integral Humanism
      • Vision
      • Pt. Deendayal Upadhyaya
      • Nanaji Deshmukh
    • Footprints
      • Projects
        • Beed
        • Chitrakoot
        • Delhi
        • Gonda
        • Nagpur
      • Centres
        • KVK Beed
        • KVK Chirtakoot
        • KVK Gonda
        • KVK Satna
        • Deendayal Industrial Training Center (ITI)
        • JSS Beed
        • JSS Chitrakoot
        • JSS Gonda
    • Self Reliance Campaign
    • Publications
      • Navrachana Online
        • July 2018
        • March 2018
        • Navrachna October 2023
        • Navrachna January 2024
        • Navrachna June 2024
      • English
        • Integral Humanism Booklet
        • Pt. Deendayal Upadhyaya Life in Outline
        • Road To Self Reliance
        • Sustainable Watershed Management
        • Nanaji Letters
        • Ram Darshan
        • Poshan Utsav_English
        • SIRO Report 2024
      • Hindi
        • Rasthra Rishi Nanaji
        • Ekatma Manavvaad
        • Integral Humanism Compendium
        • Nanaji Ki Paati Yuvao ke Naam
        • Sankalp Speech 1978 Nanaji
        • Compendium of the National Workshop on N. E. P.
        • Rashtrradharam Rajdharam Ma Bhaiyaji Joshi
        • Sanskritik Rashtravaad Ma Bhaiyaji Joshi
        • Pt. Deendayal Comic
        • Nanaji Comic
      • International SDG Confernence Compendiums
        • 1st International SDG Conference Compendium
        • 2nd International SDG Conference Compendium
        • 3rd International SDG Conference Compendium
        • 4th International SDG Conference Compendium
      • Manthan
    • Press
      • Press Release
      • Photo Gallery
      • News
    • Jobs/Tenders
    • Donate
Deendayal Research Institute
DEENDAYAL
RESEARCH
INSTITUTE
  • Home
  • Inspirations
    • Integral Humanism
    • Vision
    • Pt. Deendayal Upadhyaya
    • Nanaji Deshmukh
  • Footprints
    • Projects
      • Beed
      • Chitrakoot
      • Delhi
      • Gonda
      • Nagpur
    • Centres
      • KVK Beed
      • KVK Chirtakoot
      • KVK Gonda
      • KVK Satna
      • Deendayal Industrial Training Center (ITI)
      • JSS Beed
      • JSS Chitrakoot
      • JSS Gonda
  • Self Reliance Campaign
  • Publications
    • Navrachana Online
      • July 2018
      • March 2018
      • Navrachna October 2023
      • Navrachna January 2024
      • Navrachna June 2024
    • English
      • Integral Humanism Booklet
      • Pt. Deendayal Upadhyaya Life in Outline
      • Road To Self Reliance
      • Sustainable Watershed Management
      • Nanaji Letters
      • Ram Darshan
      • Poshan Utsav_English
      • SIRO Report 2024
    • Hindi
      • Rasthra Rishi Nanaji
      • Ekatma Manavvaad
      • Integral Humanism Compendium
      • Nanaji Ki Paati Yuvao ke Naam
      • Sankalp Speech 1978 Nanaji
      • Compendium of the National Workshop on N. E. P.
      • Rashtrradharam Rajdharam Ma Bhaiyaji Joshi
      • Sanskritik Rashtravaad Ma Bhaiyaji Joshi
      • Pt. Deendayal Comic
      • Nanaji Comic
    • International SDG Confernence Compendiums
      • 1st International SDG Conference Compendium
      • 2nd International SDG Conference Compendium
      • 3rd International SDG Conference Compendium
      • 4th International SDG Conference Compendium
    • Manthan
  • Press
    • Press Release
    • Photo Gallery
    • News
  • Jobs/Tenders
  • Donate

जन शिक्षण संस्थान में अनुदेशकों हेतु क्षमता संवर्धन एवं उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित

जन शिक्षण संस्थान में अनुदेशकों हेतु क्षमता संवर्धन एवं उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित

Vasant Pandit
February 12, 2023
*जन शिक्षण संस्थान में अनुदेशकों हेतु क्षमता संवर्धन एवं उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित*
 
*प्रशिक्षण कार्यक्रम स्वावलंबी बनाने में होते है मददगार साबित – सन्तोष अग्रवाल*
 
चित्रकूट 12 फरवरी 2023 दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा संचालित तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित जन शिक्षण संस्थान चित्रकूट द्वारा अनुदेशकों हेतु एक दिवसीय क्षमता संवर्धन एवं उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन गढ़ीवां स्थित केन्द्र पर किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जन शिक्षण संस्थान के प्रबंध मंडल के उपाध्यक्ष संतोष अग्रवाल, सदस्य श्रीमती रूपा अग्रवाल, दीनदयाल शोध संस्थान के उप महाप्रबंधक डॉ अनिल जायसवाल, कार्यकारी निदेशक जन शिक्षण संस्थान राजेंद्र सिंह एवं दिशा दर्शन केंद्र के प्रभारी एवं कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विनीत श्रीवास्तव द्वारा दीप प्रज्वलन एवं पुष्पार्चन द्वारा किया गया। 
 
कार्यकारी निदेशक राजेन्द्र सिंह ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि दीनदयाल जी महान चिंतक थे, वे संघटन में विश्वास करते थे वह भारत को सिर्फ जमीन का टुकड़ा नहीं बल्कि जीता जागता एक महान राष्ट्र मानते थे, युगों युगों से स्थापित भारतीय संस्कृति और सनातन विचारधारा को देश के लिए प्रगतिशील मानते थे और अपने इसी सिद्धांत के जरिये उन्होंने एकात्म मानव दर्शन विचारधारा प्रस्तुत को किया। जिसके जरिये प्रत्येक मानव का बिना किसी भेदभाव के कल्याण सम्भव है। हमारा धर्म चाहे कोई क्यों न हो लेकिन हमारी पहचान भारतीयता है। अपने इसी देश प्रेम के जरिये भारत को विश्व में अलग पहचान दिलाया जा सकता है। अनेकता में एकता और विभिन्न रूपों में एकता की अभियक्ति भारतीय संस्कृति की सोच रही है। हमें उनके जीवन दर्शन से सीख लेकर समाज व राष्ट्र हित में लगना होगा तभी उनको सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित होगी।
 
मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए विनीत श्रीवास्तव ने कहा कि उन्मुखीकरण कार्यक्रम का उद्देश्य नए प्रशिक्षार्थी, अनुदेशकों या कर्मचारी को अपने विभाग, स्थिति, जिम्मेदारियों और कार्य संस्कृति को समायोजित करने में मदद करना है। उन्मुखीकरण कार्यक्रम के अंतर्गत  नवागंतुक अपने कार्य, समूह के सदस्यों, विभिन्न प्रक्रियाओं आदि के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते है। दक्षताओं का तात्पर्य हमारे कौशल, योग्यता और ज्ञान के संयोजन से है। हमारा चरित्र, अनुशासन, संवेदनशीलता, समयपालन , जिम्मेदारी निर्वहन की क्षमताओं का निरन्तर विकास करना ही ऐसे कार्यक्रमों का ध्येय है। प्रतिदिन कुछ नया सीखने एवं करने की चाह ही हमें बेहतर बनाने में मददगार साबित होती है।
 
लेखाकार अजय पांडेय ने वित्तीय प्रबंधन एवं बैंकों से समन्वय पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि जिस प्रकार किसी मशीन को चलाने हेतु ऊर्जा के रूप में तेल, गैस या बिजली की आवश्यकता होती है उसी प्रकार किसी भी संगठन के संचालन हेतु वित्त की आवश्यकता होती है। व्यवसाय को प्रारंभ करने के लिए पूंजी की आवश्यकता होती है जिसके लिए कई माध्यमों जैसे बैंक,  क्राउड फंडिंग एवं व्यक्तिगत पूंजी इत्यादि से इकट्ठा किया जा सकता है इसमें  जिला उद्योग केंद्र,  केवीआइसी भी कई प्रकार के लोन प्रदान करते हैं जिसके लिए कई वैधानिक आवश्यकताओं को पूर्ण करना होता है जिनके पूर्ण करने पर बैंक या संस्थाओं द्वारा आसानी से लोन उपलब्ध कराया जाता है। प्रशिक्षण के पश्चात जिला उद्योग केंद्र से कैसे जुड़ कर हम लाभ प्राप्त कर सकते हैं इस पर भी जानकारी प्रदान की गई।
 
अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रबन्ध मण्डल के उपाध्यक्ष सन्तोष अग्रवाल ने कहा कि उन्मुखीकरण संस्था एवं व्यक्तियों के साथ सम्बन्ध स्थापित करने व अन्य सहयोगियों के मध्य एक दूसरे को जोड़ने में सक्षम बनाता है। ऐसे क्रियाविधियों से हमारे व्यक्तित्व में निखार आता है। संस्थान द्वारा संचालित गतिविधियों से हम सभी स्वयं तो लाभान्वित होते ही है अन्य लोगों को भी हम स्वावलंबी बनाने में मददगार साबित होते है। कार्यक्रम में संस्थान से निसबर्ड में प्रशिक्षण लेने गए प्रतिभागियों ने अपने अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम का संचालन सहायक परियोजना समन्वयक अनिल कुमार सिंह ने किया तो वहीं धन्यवाद ज्ञापन बनारसी लाल लाल पाण्डेय द्वारा किया गया। कार्यक्रम में सहायक परियोजना समन्वयक प्रभाकर मिश्र, सुघर सिंह सहित 87 अनुदेशक उपस्थित रहे।
Previous Story
कृषि विज्ञान केंद्र मझगवां-सतना की वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक सम्पन्न
Next Story
सुरेंद्रपाल ग्रामोदय विद्यालय में मना बारहवीं के छात्रों का शुभकामना समारोह
Copyright ©2018 Deendayal Research Institute. All Rights Reserved
SearchPostsLogin

No posts to show!

Welcome back,